
06 Feb महाशिवरात्रि 2018 : भूलकर भी अर्पित न करें शिवजी को ये 5 चीजे,शास्त्रों में हैं वर्जित
महाशिवरात्रि पर शिवजी को भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें
इस बार महाशिवरात्रि का त्यौहार 13 फरवरी को मनाया जायेगा। महाशिवरात्रि का त्यौहार शिवभक्तों के लिए बहुत महत्त्व रखता है। शिवरात्रि पर शिव भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं और पुरे भक्ति भाव ,सच्चे मन से शिव की आराधना करते हैं। लेकिन कभी कभी भूल से से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें पूजा का पूरा फल नहीं मिल पता है। शास्त्रों में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें भगवान् शिव की पूजा में इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है। आइयें जानते हैं कौन सी हैं ये पांच चीजें।
1 . भगवान शिव को सफेद फूल बहुत पसंद होता है लेकिन केतकी का फूल सफेद होने बावजूद भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। शिव पुराण के अनुसार केतकी के फूल ने शिव से झूठ बोला था तभी से शिवजी की पूजा में ये फूल वर्जित है।
2 . हिन्दू धर्मं में शंख को बहुत पूजनीय माना जाता है शंख से देवी देवताओं को जल देने की परम्परा भी है। लेकिन शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित नहीं किया जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवन शिव ने शंखचूर नाम के एक असुर का वध किया था। इसलिए शंख शिव की पूजा में वर्जित माना जाता है।
3 . भगवान् शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना जाता है। भगवान शिव ने देवी वृंदा के पति जलंधर का वध किया था फिर देवी वृंदा ही तुलसी के रूप में अवतरित हुई थी। जिसे भगवन विष्णु ने देवी लक्ष्मी के समान स्थान दिया है। इसलिए शिव की पूजा में तुलसी को वर्जित माना जाता है।
4 . शिव की पूजा में तिल नहीं चढ़ाया जाता है। टिल भगवान् विष्णु के मैल से उतपन्न माना जाता है। इसलिए भगवान् विष्णु को तिल अर्पित किया जाता है लेकिन शिवजी को नहीं चढ़ता है।
5 . भगवान् शिव की पूजा में भूल से भी टुटा चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है अटूट ,ये पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए पूजा में इस्तेमाल करने से पहले देख लें कि चावल टूटे न हों।
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